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मुस्तफाबाद हादसे पर गरमायी सियासत, कांग्रेस बोली, ‘ये लापरवाही का नतीजा है, न्यायिक जांच हो’

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मुस्तफाबाद हादसे पर गरमायी सियासत, कांग्रेस बोली, ‘ये लापरवाही का नतीजा है, न्यायिक जांच हो’

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Devendra Yadav News: दिल्ली के मुस्तफाबाद के शक्ति विहार में हुए हादसे को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. यहां एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई. इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल थे. 11 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जीटीबी अस्पताल में चल रहा है. इमारत अनाधिकृत कॉलोनी में थी और रिश्तेदारों का कहना है कि ग्राउंड फ्लोर पर रिनोवेशन के दौरान एक पिलर हटाने से ये हादसा हुआ.

हालांकि, पुलिस अभी तक सटीक कारण की पुष्टि नहीं कर पाई है. 12 घंटे तक चले बचाव कार्य में एनडीआरएफ, दिल्ली पुलिस और फायर सर्विस ने हिस्सा लिया. सीसीटीवी फुटेज में हादसे के बाद धूल का गुबार साफ दिखा, जो इसकी भयावहता को बयां करता है.

कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव का BJP-AAP पर हमला

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए सीधे तौर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “ये हादसा कोई हादसा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा है. BJP ने 15 साल तक और AAP ने पिछले 3 साल तक दिल्ली नगर निगम (MCD) में राज किया, लेकिन दोनों ने अनाधिकृत निर्माण को रोकने की बजाय उसे बढ़ावा दिया. निगम पार्षद और अधिकारी ‘लैंटर माफिया’ बनकर हर मकान से उगाही करते हैं.

देवेंद्र यादव ने मांग की सरकार से मांग 

हादसे की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो  
दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए
मृतकों के परिवार को 10-10 लाख और घायलों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा तुरंत दिया जाए
दिल्ली के बिल्डिंग नियमों में बड़ा बदलाव लाया जाए, ताकि लोग आसानी से नक्शे पास करा सकें.

क्यों है अनाधिकृत निर्माण इतना बड़ा मुद्दा?

देवेंद्र यादव ने बताया कि दिल्ली की 70% से ज्यादा आबादी गांवों, अनाधिकृत कॉलोनियों और पुनर्वास कॉलोनियों में रहती है, जहां भवनों के नक्शे पास नहीं होते. हैरानी की बात ये है कि 1977 में पास हुई कॉलोनियों में भी आज तक नक्शे पास नहीं हो रहे. उन्होंने कहा, “दिल्ली की आबादी हर दिन बढ़ रही है. अगर बिल्डिंग नियमों को आसान नहीं किया गया, तो अनाधिकृत निर्माण रुकने वाला नहीं. अधिकारी मोटी रिश्वत मांगते हैं, जिससे लोग बिना नक्शे के मकान बनाते हैं. 

दिल्ली भूकंपीय जोन-4 में है, जहां 7-8 तीव्रता का भूकंप भी आ सकता है. यादव ने चेतावनी दी, “अनाधिकृत निर्माण की वजह से दिल्ली खोखली हो चुकी है. अगर बड़ा भूकंप आया, तो दिल्ली मलबे का ढेर बन जाएगी.

BJP और AAP की सियासी जंग

इस हादसे ने दिल्ली की सियासत को गरमा दिया है. BJP ने AAP पर इल्ज़ाम लगाया कि उसने वोट बैंक के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में अनाधिकृत निर्माण को बढ़ावा दिया. दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “पिछले 10 साल में AAP के विधायकों और पार्षदों ने मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में 5-6 मंजिल की इमारतों को खुली छूट दी. वहीं, श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने AAP को “वोट बैंक की राजनीति” का दोषी ठहराया. 

AAP की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताया और कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में मदद करने की अपील की. लेकिन AAP ने BJP पर पलटवार करते हुए कहा कि MCD में BJP की लंबी सत्ता के दौरान भी अनाधिकृत निर्माण फलता-फूलता रहा. दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का ठीकरा फोड़ रही हैं. 

सरकार और MCD का रुख

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हादसे की जांच के आदेश दिए और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. MCD ने अनाधिकृत और असुरक्षित इमारतों का सर्वे शुरू करने की बात कही है. लेकिन यादव ने इसे नाकाफी बताते हुए कहा, “हर साल MCD खतरनाक इमारतों की लिस्ट बनाती है, पर कुछ होता नहीं. जनवरी 2025 में बुराड़ी में 5 मंजिला इमारत गिरी थी, तब भी 5 लोग मरे थे. फिर भी कोई सबक नहीं लिया गया.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के लिए 2-2 लाख और घायलों के लिए 50,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की, लेकिन यादव ने इसे “महंगाई के दौर में नाकाफी” बताया.

बिल्डिंग नियमों में सुधार की बड़ी अपील

मुस्तफाबाद का हादसा दिल्ली में अनाधिकृत निर्माण की गंभीर समस्या को उजागर करता है. यादव ने साफ कहा कि जब तक बिल्डिंग नियमों में सुधार नहीं होगा और भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगेगी, ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं. उन्होंने सरकार से अपील की कि 

  •  नक्शे पास करने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जाए.
  •  MCD और दिल्ली सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो.
  • प्रभावित परिवारों को तुरंत उचित मुआवजा दिया जाए.

 विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने भी माना कि इलाके का इन्फ्रास्ट्रक्चर इतनी ऊंची इमारतों का बोझ नहीं सह सकता. इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दिल्ली में जान-माल की सुरक्षा तभी संभव है, जब सियासत से ऊपर उठकर ठोस कदम उठाए जाएंगे. लेकिन फिलहाल तो BJP, AAP और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, और पीड़ित परिवार इंसाफ और मदद के इंतजार में हैं.

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