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दिल्ली में ताले की आड़ में चोरी, पुलिस ने इंटरस्टेट गिरोह को पकड़ा, लंबे समय से दे रहे थे चकमा

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दिल्ली में ताले की आड़ में चोरी, पुलिस ने इंटरस्टेट गिरोह को पकड़ा, लंबे समय से दे रहे थे चकमा

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Delhi Crime News: दिल्ली की नींद में सेंध लगाने वाला एक बड़ा चोर गिरोह आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया. महज़ चाबियों और ताले बनाने की कला से शुरू हुआ इनका सफर, हाई-प्रोफाइल घरों की चुपचाप लूट तक पहुंच चुका था. लेकिन रोहिणी जिला पुलिस की सतर्कता और अटूट प्रयासों ने दिल्ली के नागरिकों को राहत की सांस दी है.

सोने की चूड़ियों से स्कूटर तक, लूट का सामान बरामद

विजय विहार पुलिस ने 28 अप्रैल को महिपालपुर से तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया, जिनसे 10 सोने की चूड़ियां, 9 अंगूठियां, 4 सोने की चेन और 9 चोरी की दोपहिया वाहन बरामद हुए, जो पुलिस की मेहनत का परिणाम है.

अपराधियों की पहचान

1 – सुरजीत सिंह, गिरोह का मास्टरमाइंड, 10 आपराधिक मामले दर्ज

2 – अनिल सिंह, बचपन से चोर गिरोह का हिस्सा, 3 मामले दर्ज

3- कीर्तन सिंह, सबसे कम उम्र का लेकिन उतना ही चालाक, 6 केस में नाम

रोज़गार के लिए सीखा ताला खोलना, बना चोरी का धंधा

पुलिस से पूछताछ में खुलासा हुआ कि तीनों आरोपी इंदौर के रहने वाले हैं और ताला-कुंजी बनाने का काम करते थे. यही हुनर उन्होंने हथियार बना लिया.  दिल्ली आकर ये गिरोह होटल में ठहरता, दिन में बंद घरों की पहचान करता और रात को अंधेरे में बाइक चोरी कर घरों में सेंधमारी करता. कभी-कभी एक ही रात में 10 घरों में हाथ साफ कर देते थे.

20 अप्रैल की शिकायत ने खोल दिया पूरे गिरोह का राज़

विजय विहार में एक शिकायत दर्ज हुई जिसमें बताया गया कि सुबह के समय अज्ञात चोर घर से 50,000 नकद और कीमती गहने चुरा ले गए. यहीं से शुरू हुई पुलिस की असली जंग. इंस्पेक्टर अजय कुमार यादव की टीम ने सीसीटीवी खंगाले, मुखबिरों को एक्टिव किया और टेक्निकल सर्विलांस के ज़रिए गिरोह का सुराग लगाया. महिपालपुर में तलाशी के बाद तीन चोर गिरफ्तार, ताले वाले बनकर चोरी करते और तकनीकी चालों से पुलिस को चकमा देते थे. तकनीकी ज्ञान और मनोवैज्ञानिक चालबाजियों से ये लोग पुलिस को लंबे समय तक चकमा देते रहे.

13 सेंधमारी और 9 वाहन चोरी केस सुलझाए

इस गिरोह से जुड़े कुल 22 मामलों की गुत्थी सुलझ चुकी है, जिसमें विजय विहार, नॉर्थ-साउथ रोहिणी, तिलक नगर, मंगोलपुरी, जामिया नगर और पालम जैसे कई थानों में दर्ज एफआईआर शामिल हैं. लेकिन पुलिस का कहना है अभी सफर बाकी है, बाकी अपराधियों तक पहुंचना है.